Bharat-Pak Sambandh (Hindi Edition)
J.N. Dixitभारत-पाकिस्तानसंबंधोंकेबारेमेंकुछअनुमानअकसरलगाएजातेहैं-पहला, भारतवपाकिस्तानमेंआमलोगएक- दूसरेकेसंपर्कमेंआनाचाहतेहैं, लेकिनसरकारेंइसेरोकतीहैं; दूसरा, भारतीयोंऔरपाकिस्तानियोंकीनईपीढ़ीपुरानेपूर्वाग्रहोंकोतोड़सकतीहै; तीसरा, सांस्कृतिकवबौद्धिकसंपर्ककेसमर्थनसेसामान्यआर्थिकवतकनीकीसहयोगआपसीसंबंधोंमेंसुधारलासकताहै। यहपुस्तकइनअनुमानोंकीउपयुक्तताकीजाँचकरनेकामहत्प्रयासकरतीहै।अबतकविभाजनकीयादेंधुँधलीहोतीनहींदिखीं, नहीपूर्वग्रहोंसे मुक्तिमिलीहै।पाकिस्तानभारतकेसाथआर्थिकसंबंधोकेबारेमेंगंभीरआशंकाओंसेग्रस्तहै, क्योंकिउसेडरहैकिएकबड़ेपड़ोसीद्वाराउसकाशोषणकियाजासकताहैऔरउसेदबायाजासकताहै।यहअनुमानलगानातार्किकहोगाकिसूचना-क्रांतितथाआर्थिकभूमंडलीकरणपाकिस्तानऔरभारतकोअपनीप्रवृत्तियाँवनीतियोंबदलनेकेलिएविवशकरसकतेहैं। किंतुयेपूर्वानुमान 11 सितंबर, 2001 कोअमेरिकापरहुएआतंकवादीहमलेकेबादनाटकीयतरीकेसेबदलगए।दोमाहबादभारतीयसंसद्परआक्रमणकेबादभारत-पाकिस्तानतनावचरमसीमापरपहुँचगया।अबजनरलमुशर्रफएकदुविधापूर्णस्थितिमेंहैं।यदिउन्हेंसत्तामेंरहनाहैतोवहअपनेदेशमेंइसलामीकट्टरपंथियोंकाएकसीमासेअधिकविरोधनहींकरसकते।दूसरीओर, उन्हेंधार्मिककट्टरताऔरआतंकवादसेखुदकोअलगकरनेकेअमेरिकाकेनेतृत्ववालेअंतरराष्ट्रीयदबावकाध्यानभीरखनाहै।अत: प्रतीतहोताहै, भारत-पाकिस्तानसंबंधएकऔरजबरदस्तघुमाववालेमोड़परपहुँच